Friday, October 18, 2013

आधुनिक समाज में मीडीया की भूमिका

मानव जाति लाखों वर्ष पहले के शिकारी जीवन से शनै: शनै गुजरते हुए आज 21वीं सदी के आधुनिक समाज में जी रही है।  आज का विश्‍व बेहद व्‍यापक और विस्‍तृत है।  फिर भी यह एक वैश्विक गॉंव अर्थात् ग्‍लोबल विलेज के रूप में प्रतीत होता है।  जिस प्रकार एक गॉंव में छोटी-बड़ी हर बात तत्‍काल जगजाहिर हो जाती है ठीक उसी प्रकार आज विश्‍व के कोने कोने की खबर हमें तुरंत लग जाती है।  जी हॉ़, यह सब मीडीया का ही कमाल है जो हमारे आधुनिक मानव समाज का अब एक अभिन्‍न अंग बन चुका है।  मीडीया की भूमिका हमारे व्‍यक्तिगत जीवन के साथ समाज में अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण हो चली है।
इतिहास साक्षी है कि प्राचीन काल से ही सूचना एवं मनोरंजन के साधन के तौर पर मीडीया का इस्‍तेमाल होता रहा है।  उन दिनों शासक अपनी प्रजा के बीच अपना संदेश, आदेश इत्‍यादि मुनादी करवा कर पहुँचाया करते थे।  सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने में समाचार पत्रों, नुक्‍कड़ नाटकों ने सशक्‍त मीडीया की भूमिका निभाई थी।  भारतीय स्‍वतंत्रता संघर्ष के दौरान समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं ने भी भारतीय जनता को एक सूत्र में पिरोकर आजादी के लिए संघर्ष करने के लिए जागरूक और प्रेरित किया था।
आधुनिक समाज में मीडीया की भूमिका काफी व्‍यापक हो चली है।  इसकी भूमिका को निम्‍न बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकता है:
1) सूचना प्रदान करने के रूप में- मीडीया हम तक ताजा खबर घटनास्‍थल से सीधे पहुँचाता है।  मीडीया के लोग चाहे दिन हो या रात, चाहे विषम मौसमी परिस्थितयॉं हो, चाहे खतरनाक माहौल हो, हम तक खबर पहुँचाने में अपने जान की भी परवाह नहीं करते हैं। मुंबई आतंकी हमलों, केदारनाथ जलप्रलय आदि के वक्‍त की मीडीया कवरेज इसका उज्‍जवल उदाहरण है। इसके साथ ही वर्तमान घटनाक्रम पर मीडीया के सटीक विश्‍लेषण से समाज में एक नजरिये का निर्माण होता है।
2) जागरूकता फैलाने के रूप में- मीडीया की सबसे महत्‍वपूर्ण भूमिका लोगों को उनके आधारभूत मानवीय अधिकारों के बारे में जागरूक करने के क्षेत्र में है।  यह समाज में चल रही विभिन्‍न सामाजिक, आर्थिक और नैतिक कुरीतियों के खिलाफ प्रचार कर देश का पुनर्निमाण करने में मदद करता है। भ्रष्‍टाचार और अपराध के बारे में मीडीया ही हमें जागरूक करता है।  समाज में मीडीया का यही डर है कि सरकारी तंत्र भी बदनामी के डर से गलत काम करने पर भय खाते है।
     3) मनोरंजन के क्षेत्र में- मीडीया की भूमिका सूचना और जागरूता फैलाने के साथ ही आधुनिक समाज में मनोरंजन प्रदान करने की भी है। प्रिंट के साथ ही ऑडियो-विजुअल और अब तो ई-मीडीया के रूप में भी यह अपने पॉंव पसार चुकी है। हम घर बैठे-बैठे बहुआयामी मनोरंजक सामग्री/कार्यक्रम न केवल देख-सुन-पढ़ सकते हैं साथ ही उन कार्यक्रमों (टैलेंट हंट, रियलिटी शो आदि) का हिस्‍सा भी बन कर नाम और पैसा दोनों अर्जित कर सकते हैं।
     4) विज्ञापन के क्षेत्र में- आधुनिक समाज में जहॉं एक ओर मीडीया का रक्‍त संचार ही विज्ञापन के जरिये होता है वहीं समाज को भी इससे काफी फायदा होता है। मीडीया की इस क्षेत्र में सक्रिय भूमिका से ही कुख्‍यात अपराधी पकड़े जाते हैं, बिछुड़े लोग मिल पाते हैं, लोगों की शादी, जमीन-जायदाद आदि अनेकानेक जरूरतों के लिए आवश्‍यक संपर्क आसानी से प्राप्‍त हो जाते हैं।  कंपनियॉं अपने उत्‍पादों को लोगों के बीच मीडीया के माध्‍यम से ही प्रचारित कर लेती हैं।
    5) संयोजक के रूप में- मीडीया समय-समय पर हमारे देश और समाज को जोड़ने की भूमिका भी निभाता रहा है।  युद्ध के समय देशभक्ति की भावना का संचार करना और प्राकृतिक त्रासदियों के समय देशवासियों द्वारा खुले मन से सहयोग या फिर दिल दहला देने वाली घटनाओं के बाद पूरे देश में एक जुट होकर व्‍यापक जनप्रदर्शन का होना, ये सब मीडीया के वजह से ही संभव हो पाता है।
     मीडीया की उपर्युक्‍त अच्‍छाइयों के साथ इसके कुछ नकारात्‍मक भूमिकाऍं भी हैं जो इसकी विश्‍वसनीयता पर प्रश्‍नचिन्‍ह लगा देते हैं।  घोर व्‍यावसायीकरण के इस युग में मीडीया भी अछूती नहीं रही है।  पब्लिसिटी और टी.आर.पी. की अंधी दौड़ में मीडीया दिनभर में 60 प्रतिशत से अधिक खबरें घिसी पिटी परोसती हैं। अनावश्‍यक नाटकीय अंदाज में खबरों को पेश किया जाता है।  पेड न्‍यूज के रूप में मीडीया अनावश्‍यक रूप से सेलीब्रिटी तथा उसके जीवनशैली या फिर फिल्‍मी कार्यक्रमों को समाचार की जगह पेश करता है वहीं जरूरी ज्‍वलंत खबरें और रिपोर्टिंग देखने से हमारा समाज वंचित रह जाता है।  मीडीया जिस तेजी से किसी खबर को ब्रेकिंग न्‍यूज बना कर पेश करता है उसी फुर्ती से एक-दो दिन में उस खबर की भी खबर लेना भूल जाता है।  अनर्गल वस्‍तुओं के विज्ञापन मीडीया प्रायोजित करता है जिस पर भरोसा कर लोग अपने आप को ठगा हुआ पाते हैं।  आजकल मीडीया नेता विशेष या फिर राजनीतिक दल विशेष के माउथपीस के रूप में भी काम करते हैं जो कि पत्रकारिता के उद्येश्‍य और आदर्शों के बिल्‍कुल खिलाफ है।  आजकल मीडीया का हमारे समाज में इतना हस्‍तक्षेप है कि मान लीजिए कि किसी के घर कोई अनहोनी हो गई हो और उसका परिवार शोक संतप्‍त हो फिर भी रिपोर्टर उससे कुरेद कुरेद कर कुछ न कुछ मीडीया बाइट्स लेने की फिराक में रहेंगे।  उन्‍हें तो मानो मानवीय संवेदनाओं की फिक्र ही नहीं होती।
      नि:संदेह मीडीया आधुनिक समाज का एक अभिन्‍न अंग है।  यह हमारे समाज का वाच डॉग है।  हमारा समाज मीडीया के भूमिका से पूरी तरह प्रभावित है चाहे वो भूमिका सकारात्मक हो या फिर नकारात्‍मक।  इस तथ्‍य को समझते हुए मीडीया को चाहिए कि वो तथ्‍यपरक सूचना और न्‍यायोचित विश्‍लेषण पेश कर समाज के प्रति अपनी जिम्‍मेदारी पूरी करे।  समाज की सेवा करना यही मीडीया का धर्म भी है और कर्म भी।  इससे उनका आदर भी बना रहेगा और दुआऍं भी लगेंगी।
      मैं समझता हूँ कि अगर मीडीया अपनी जिम्‍मेदारी को पहचाने और अपने काम को ईमानदारी से और तरीके से निभाए तो यह राष्‍ट्र और समाज निर्माण के बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आएगा जैसा कि अंग्रेजी में एक कहावत है कि A responsible media builds a healthy society”(एक जिम्‍मेदार मीडीया एक स्‍वस्‍थ समाज का निर्माण करता है।)
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Thursday, March 8, 2012

रोचक तस्वीरे

दोस्तों, दिन प्रतिदिन के जीवन में कभी कुछ ऐसा दृश्य आस पास के चीजों को देख कर और जरा अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल कर के हम बना सकते है जो हमें प्रसन्नता का एक  छोटा लम्हा प्रदान कर सकता है. तो ऐसी ही एक कोशिश मैंने भी किया जो आप  तस्वीरों के रूप में देख सकते है. 

दर-असल  हुआ कुछ ऐसा कि किचन में काम करते समय कुछ अतिरिक्त सरसों तेल  कढ़ाही में गिर गया था.  इसे वापस शीशी में रखने के वजह से सरसों तेल की शीशी टेढ़ी होकर कैसी दिख रही है अपने ही साइज़ के तेल की शीशी के सामने, ये आप खुद देख सकते है.  और ये दोनों साथ में कैसे रोमांटिक प्रेमी लग रहे है वो आप इन तस्वीरों के माध्यम से देख सकते है. 



Tuesday, February 21, 2012

लोकप्रिय टाइटल गीत

दोस्तों, एक समय वो था, जब टीवी के नाम पर केवल दूरदर्शन होता था। उस समय में कुछ ऐसे धारावाहिक प्रसारित हुए, जो लोगो के अन्तर्मन में हमेशा हमेशा के लिए बस गए। रामानन्द सागर ने रामायण का निर्माण किया तो बी आर चोपड़ा ने महाभारत का निर्माण किया। नीरजा गुलेरी ने फांतासी धारावाहिक चंद्रकांता का निर्माण किया था। इन धारावाहिको के टाइटल गीत भी लोगो को आज भी सुनने पर उस धारावाहिकों की याद दिलाते है। है आज कोई ऐसा धारावाहिक, जो अपने प्रसारण समय में सड़कों को सूना करवा के लोगो कों टीवी के सामने खीचने की क्षमता रखता हो? तो लीजिये, इस बार आपके लिए इंटरनेट से इन कालजयी धारावाहिकों के टाइटल गीत पेश कर रहा हूँ।

एक और गीत टीवी पर उन दिनों प्रसारित होता था-मिले सुर मेरा तुम्हारा। मुझे याद है कि बचपन के दिनों में हमने इसे पूरा का पूरा कंठस्थ कर लिया था। इस गीत कों भी आपके लिए यहाँ पेश किया है।

उम्मीद करता हूँ कि आप इसे जरूर पसंद करेंगे।

Title Song of Ramanand Sagar's "RAMAYAN"

Title Song of B R Chopra's "MAHABHARAT"

Title Song of Neerja Guleri's "Chandrakanta"

Mile Sur Mera Tumhara Video

                                                                                                            धन्यवाद।



Tuesday, February 14, 2012

चाणक्य नीति


  • पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये . अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए.आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.

  • फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.

  • कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी.



  • यदि किसी का स्वभाव अच्छा है तो उसे किसी और गुण की क्या जरूरत है ? यदि आदमी के पास प्रसिद्धि है तो भला उसे और किसी सिंगार की क्या आवश्यकता है.



  • हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए ; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.



  • सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है : कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा.



  • इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.





































Wednesday, June 15, 2011

कुछ हरे-भरे चित्र







दोस्तों, नमस्कार। पिछले दिनों मै दिल्ली के लोधी गार्डेन घुमने गया। ऊपर जो आप फोटो देख रहे है वो वहाँ की ली गयी तस्वीरे है। उम्मीद करता हूँ कि जरूर पसंद करेंगे।










































Thursday, March 17, 2011

कुछ तस्वीरे


बिरला मंदिर, नई दिल्ली।


ताज के मेंन गेट के पास जापानी माँ बेटी के साथ मै

ताज और नीला आकाश, आगरा

रंग नाथ मंदिर, वृंदावन

इसकोंन मंदिर वृन्दावन

श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा।

Thursday, June 17, 2010

बॉलीवुड सितारों के बचपन की तस्वीरे


दीपिका पादुकोण के बचपन की तस्वीर


आमिर खान के बचपन की तस्वीर



रानी मुख़र्जी के बचपन की तस्वीर


शाह रुख खान की बचपन की तस्वीर


कैटरीना कैफ की बचपन की तस्वीर
अमिताभ की बचपन की तस्वीर