Thursday, March 8, 2012

रोचक तस्वीरे

दोस्तों, दिन प्रतिदिन के जीवन में कभी कुछ ऐसा दृश्य आस पास के चीजों को देख कर और जरा अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल कर के हम बना सकते है जो हमें प्रसन्नता का एक  छोटा लम्हा प्रदान कर सकता है. तो ऐसी ही एक कोशिश मैंने भी किया जो आप  तस्वीरों के रूप में देख सकते है. 

दर-असल  हुआ कुछ ऐसा कि किचन में काम करते समय कुछ अतिरिक्त सरसों तेल  कढ़ाही में गिर गया था.  इसे वापस शीशी में रखने के वजह से सरसों तेल की शीशी टेढ़ी होकर कैसी दिख रही है अपने ही साइज़ के तेल की शीशी के सामने, ये आप खुद देख सकते है.  और ये दोनों साथ में कैसे रोमांटिक प्रेमी लग रहे है वो आप इन तस्वीरों के माध्यम से देख सकते है. 



Tuesday, February 21, 2012

लोकप्रिय टाइटल गीत

दोस्तों, एक समय वो था, जब टीवी के नाम पर केवल दूरदर्शन होता था। उस समय में कुछ ऐसे धारावाहिक प्रसारित हुए, जो लोगो के अन्तर्मन में हमेशा हमेशा के लिए बस गए। रामानन्द सागर ने रामायण का निर्माण किया तो बी आर चोपड़ा ने महाभारत का निर्माण किया। नीरजा गुलेरी ने फांतासी धारावाहिक चंद्रकांता का निर्माण किया था। इन धारावाहिको के टाइटल गीत भी लोगो को आज भी सुनने पर उस धारावाहिकों की याद दिलाते है। है आज कोई ऐसा धारावाहिक, जो अपने प्रसारण समय में सड़कों को सूना करवा के लोगो कों टीवी के सामने खीचने की क्षमता रखता हो? तो लीजिये, इस बार आपके लिए इंटरनेट से इन कालजयी धारावाहिकों के टाइटल गीत पेश कर रहा हूँ।

एक और गीत टीवी पर उन दिनों प्रसारित होता था-मिले सुर मेरा तुम्हारा। मुझे याद है कि बचपन के दिनों में हमने इसे पूरा का पूरा कंठस्थ कर लिया था। इस गीत कों भी आपके लिए यहाँ पेश किया है।

उम्मीद करता हूँ कि आप इसे जरूर पसंद करेंगे।

Title Song of Ramanand Sagar's "RAMAYAN"

Title Song of B R Chopra's "MAHABHARAT"

Title Song of Neerja Guleri's "Chandrakanta"

Mile Sur Mera Tumhara Video

                                                                                                            धन्यवाद।



Tuesday, February 14, 2012

चाणक्य नीति


  • पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये . अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए.आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.

  • फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.

  • कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी.



  • यदि किसी का स्वभाव अच्छा है तो उसे किसी और गुण की क्या जरूरत है ? यदि आदमी के पास प्रसिद्धि है तो भला उसे और किसी सिंगार की क्या आवश्यकता है.



  • हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए ; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.



  • सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है : कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा.



  • इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.





































Wednesday, June 15, 2011

कुछ हरे-भरे चित्र







दोस्तों, नमस्कार। पिछले दिनों मै दिल्ली के लोधी गार्डेन घुमने गया। ऊपर जो आप फोटो देख रहे है वो वहाँ की ली गयी तस्वीरे है। उम्मीद करता हूँ कि जरूर पसंद करेंगे।










































Thursday, March 17, 2011

कुछ तस्वीरे


बिरला मंदिर, नई दिल्ली।


ताज के मेंन गेट के पास जापानी माँ बेटी के साथ मै

ताज और नीला आकाश, आगरा

रंग नाथ मंदिर, वृंदावन

इसकोंन मंदिर वृन्दावन

श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा।

Thursday, June 17, 2010

बॉलीवुड सितारों के बचपन की तस्वीरे


दीपिका पादुकोण के बचपन की तस्वीर


आमिर खान के बचपन की तस्वीर



रानी मुख़र्जी के बचपन की तस्वीर


शाह रुख खान की बचपन की तस्वीर


कैटरीना कैफ की बचपन की तस्वीर
अमिताभ की बचपन की तस्वीर





















































Friday, January 23, 2009

एक प्रेम कविता- मौलिक रचना


उसकी ऑंखें

उसकी ऑंखें.........
कहना चाहती थी मुझसे
वो सब कुछ.........
जो नहीं आ पाती कभी उसकी जुबां पर।
उसके प्रेम का पैमाना
जो सिर्फ मेरे लिए था,
उन्ही ऑंखों से छलकता था।
समर्पण भाव भी था उसकी ऑंखों में
मेरे लिए............
प्यार में लुट जाने की हद तक।

उसकी दो ऑंखें.........
मिलन-सुख और बिछोह-पीड़ा
चुपके से कह जाती।
पर एक हूक सदा उठती उसके दिल में
एक कसक..........
सदा साथ ना रह पाने की
समझती थी वो,
उसकी ऑंखें,
ऑंसू की स्‍याही से मुखड़े के मसि पे
बयॉं भी करती थी।
फिर भी वो करती थी............
मेरा लंबा इंतजार
जो कभी भी नहीं देख पाता था मैं
कुछ ऐसा ही था अपना वो प्यार।